*बड़ा सवाल…* *बाबा तरसेम हत्याकांड मामले से कब उठेगा रहस्य का पर्दा ?* *क्या दिलबाग उगल सकता है साजिश में शामिल कई बड़े नाम !!*

Spread the love

ललित शर्मा

9837510471

रुद्रपुर।नानकमत्ता में डेरा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या में शामिल कई बड़े नाम उजागर हो सकते हैं।हालांकि पुलिस ने वारदात का खुलासा करते हुए उत्तर प्रदेश के जनपद शाहजहाँपुर की पुवायां तहसील अंतर्गत ग्राम कबीरपुर निवासी दिलबाग सिंह व उसके तीन अन्य साथियों को हत्या का षड्यंत्र रचने के आरोप मे गिरफ्तार करने का दावा किया है लेकिन आशंका जताई जा रही है कि इतने हाईप्रोफाइल हत्याकांड में कहीं ना कहीं कुछ बड़ी मछलियाँ भी जरूर शामिल रही होंगी जिन्हें पुलिस गहन जाँच के बाद ही अपने कानूनी शिकंजे में दबोच सकती है।
बताया जाता है कि बाबा तरसेम ने डेरा कारसेवा पर नियंत्रण के साथ ही उत्तराखंड समेत सीमावर्ती राज्य के इलाकों में भी कई बेशकीमती संपत्तियां बना रखी थीं जिनका रखरखाव उनके बेहद खास माने जाने वाले लोगों के जिम्मे था।
जिस प्रकार से विगत 28 मार्च की तड़के नानकमत्ता में अपने डेरे में इत्मीनान से बैठे बाबा तरसेम को बाइक सवार दो हमलावरों द्वारा दुस्साहसिक ढंग से गोली मारी गयी और बिना हड़बड़ाहट दिखाये शूटर मौके से फरार हो गये,उससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमलावरों ने काफी दिन पहले से ही वारदात को अंजाम देने का प्लान बनाया था।पुलिस के खुलासे में भी नानकमत्ता गुरुद्वारा साहिब की सराय में दोनों शूटर के रुकने के बाबत जानकारी दी गयी है।
*अब सवाल उठता है कि सराय में 19 मार्च से 28 मार्च ( वारदात के दिन ) की अवधि के बीच रुके दोनों शूटर की दिनचर्या क्या थी ?*
*वे दिन भर क्या करते थे ?*
*किनसे मिलते थे?*
*कौन उनसे मिलने आता था ?*
*किन लोगों से वे मोबाइल पर बातें करते थे ?*
*वे कहाँ जाते थे ?*
*वे चाहते तो नानकमत्ता आने के दूसरे या तीसरे दिन भी बाबा तरसेम की हत्या कर सकते थे फिर उन्होंने दस दिन तक क्यों वारदात को अंजाम नहीं दिया ?*
*क्या वे किसी के इशारे का इंतजार कर रहे थे ?*
*कहीं ऐसा तो नहीं कि किसी मामले में दिवंगत बाबा तरसेम की किसी के साथ कोई डील चल रही हो ?*
*क्या दिवंगत बाबा तरसेम के ही किसी खासमखास ने दिलबाग से उनकी हत्या की डील की थी ?*
*क्या मुख्य साजिशकर्ता दिलबाग के बजाय कोई और है?*
*पुलिस ने शूटर के मोबाइल की कॉल डिटेल के आधार पर उनकी लोकेशन का जिक्र प्रेस नोट में किया फिर साजिशकर्ता दिलबाग की कॉल डिटेल का क्या हुआ ?*
*कहीं डील के सफल या असफल होने का तो इंतजार नहीं किया जा रहा था ?*

नानकमत्ता थाना पुलिस ने बाबा तरसेम की हत्या के बाद दर्ज मुक़दमे में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कुछ पदाधिकारियों को भी जाँच के घेरे में लिया है लेकिन प्रबंध कमेटी ने बाबा तरसेम के साथ विवाद के चलते पूर्व में एक लम्बी कानूनी लड़ाई लड़ी है और सुप्रीम कोर्ट में पैरवी के बाद प्रबंध कमेटी को गुरुद्वारा परिसर का प्रबंध संभालने का जिम्मा भी मिल गया था।सवाल फिर उठता है कि जब प्रबंध कमेटी में शामिल पदाधिकारियों को अपने कानूनी पक्ष के मजबूत होने का पक्का भरोसा था तो वे बाबा तरसेम की हत्या का षड्यंत्र क्यों रचेंगे ? कहीं ऐसा तो नहीं कि बाबा तरसेम की हत्या कराने में दिवंगत बाबा के ही कुछ खासमखास लोगों का हाथ रहा हो ? सर्वविदित है कि बाबा तरसेम ना केवल सिख जगत में अपना दबदबा रखते थे बल्कि राजनीति और सत्ता के गलियारों में भी उनकी खासी पहुंच थी।ऐसे में पुलिस शूटर के अलावा दिवंगत बाबा तरसेम सिंह समेत उनके आसपास रहने वालों के मोबाइल की भी कॉल डिटेल खंगाले तो कहीं ना कहीं बाबा तरसेम हत्याकांड के षड्यंत्र में शामिल कुछ प्रभावशाली लोगों की गर्दन तक भी कानून के हाथ पहुंच सकते हैं ।

Lalit Kumar Sharma


Spread the love

You may have missed

error: Content is protected !!