जानिये…जैन आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर ने अपने प्रवचन में क्या कहा ? एक दिवसीय प्रवास को रुद्रपुर पहुंचने पर श्रद्दा व उल्लास से हुआ स्वागत,


रुद्रपुर।दिगंबर जैन आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज का 30 मार्च को रुद्रपुर आगमन पर जैन समाज के सैकड़ों धर्मावलम्बियों ने उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश पर श्रद्दा व उल्लास के साथ स्वागत किया।श्री 1008 आदिश्वर दिगंबर जैन समित के बैनर तले जैन समाज के सैकड़ों अनुयायियों ने उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश करने पर आचार्य जी के पांव धोकर पद प्रच्छाल की रस्म निभाई।जय महावीर और जय गुरु महाराज के जयकारों के साथ ही आचार्य जी व उनके साथ आई संगत पर पुष्प वर्षा भी की गई।कड़े सुरक्षा घेरे के बीच दिगंबर जैन मुनि को ढोल नगाड़ों की स्वर लहरियों के साथ श्री 1008 आदिश्वर जैन मंदिर,भगवान महावीर मार्ग,आदर्श कालोनी लाया गया।जैन मंदिर में उन्होंने सैकड़ों श्रद्धालुओं संग संध्या आरती की।सोमवार की सुबह प्रातःकालीन आरती के पश्चात जैन आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर ने अपने मंगल संदेश में कहा कि देश में सभी धर्मों की अपनी मान्यतायें व परंपरायें होती हैं।परंपराओं का संबंध वास्तव में श्रद्दा पर आधारित है जबकि श्रद्दा से ही सभी पर्वों इत्यादि का महत्व प्रतिबिंबित होता है।उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भगवान सूर्य जिस प्रकार सभी को समान रूप से प्रकाशित करते हैं ठीक उसी प्रकार सभी मानवों के कल्याण हेतु हमें समवेत दृष्टिकोण रखना चाहिये।दिगंबर जैन मुनि प्रसन्न सागर ने कहा कि धर्म और ध्यान के मार्ग पर चलने से मनुष्य का उत्थान निश्चित है।आदर्श कालोनी स्थित आदिश्वर जैन मंदिर में अपने लगभग 24 घंटे के प्रवास उपरांत जैन आचार्य सोमवार को अग्रिम प्रवास हेतु रुद्रपुर से पैदल प्रस्थान कर गये।उल्लेखनीय है कि दिगंबर जैन आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज हल्द्वानी,मुक्तेश्वर,अल्मोड़ा होते हुए बद्रीनाथ पहुंचेंगे।भगवान बद्री के दर्शन उपरांत वे हरिद्वार के लिये प्रस्थान करेंगे।रुद्रपुर में जैन मुनि का स्वागत करने वालों में प्रमुख रूप से लाला अमरनाथ जैन,आलोक जैन,अमित जैन,कमल जैन,शालीग्राम बंसल,राधेश्याम बंसल,पवन जैन,विपिन जैन,आकाश जैन,मोहित जैन,रोहित जैन,राजकुमार जैन,पारस जैन,चिराग जैन,संदेश जैन,आदेश जैन,जय भगवान जैन,सतीश जैन,रमेश जैन,नितेश जैन,अनुराधा जैन,आशा जैन,अंजू जैन,शालू जैन,सुमन जैन,स्वाति जैन,संगीता जैन,रानी जैन,संजू जैन,संजीव जैन समेत जैन समाज के सैकड़ों अनुयायी सम्मिलित थे।



