जानिये कैसे… धाकड़ धामी की उम्मीदों पर खरा उतर रहे डीएम उदयराज, तुरत फुरत और बेबाक फैसलों से जीत रहे आमोखास का दिल,

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रुद्रपुर।जनपद ऊधम सिंह नगर में जिलाधिकारी उदयराज सिंह द्वारा तुरत फुरत और बेबाकी से लिये जा रहे फैसलों की आजकल खूब चर्चा है।जिस प्रकार प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने राज्य हित में कई बड़े फैसले लेकर देश भर में अपनी धाकड़ इमेज बनाई है ठीक उसी तरह से जिले की कमान संभाल रहे डीएम उदयराज सिंह ने भी जिले में विकास कार्यों की रफ्तार तेज करने के बाबत कई बड़े फैसले लेकर एक नजीर पेश की है।
प्रकरण 1-
बात करते हैं किच्छा मार्ग स्थित बगवाड़ा क्षेत्रांतर्गत लगभग 19.5 एकड़ बेशकीमती जमीन की,जो कि अभी कुछ दिनों पहले तक अविभाजित उत्तर प्रदेश के उद्योग विभाग के नाम दर्ज थी और कई भू-माफिया उसे खुर्दबुर्द किये जाने की जुगत में थे।हैरानी की बात है कि राज्य गठन के 24 वर्ष बीत जाने के बाद भी उक्त जमीन को उत्तराखंड की सीमा में होने के बाद भी जिला प्रशासन द्वारा उत्तराखंड के स्वामित्व सम्बंधी अभिलेखों में दर्ज नहीं किया जा सका था।वरिष्ठ समाजसेवी जसविंदर सिंह खरबंदा ( जो लक्की खरबंदा के नाम से खासे विख्यात हैं ) द्वारा उक्त प्रकरण से सांसद अजय भट्ट को अवगत कराया गया।सांसद भट्ट ने जिलाधिकारी उदयराज सिंह को बताया तो डीएम ने तुरंत ही संज्ञान ले लिया।सप्ताह भर के भीतर ही उक्त लगभग 19.5 एकड़ जमीन ( अनुमानित कीमत 1500 से 2000 करोड़ ) को उत्तर प्रदेश उद्योग विभाग के बजाय उत्तराखंड के नाम खतौनी ( सरकारी भू-रिकार्ड ) में दर्ज करने की कार्रवाई पूरी कर ली गई। सोचिये सिडकुल की स्थापना के बाद से जिला मुख्यालय पर जमीनों के दाम सुरसा के मुंह की तरह रातोंरात बढ़ते चले गये,यदि किसी भ्रष्ट अधिकारी और भू-माफिया की गिद्ध दृष्टि उक्त जमीन पर पड़ जाती तो करोड़ों के वारे न्यारे से इनकार नहीं किया जा सकता था। डीएम उदयराज सिंह की तत्परता ने साबित कर दिया कि काम करने की लगन और नीयत साफ हो तो लालफीताशाही में उलझाने के बजाय बड़ी से बड़ी समस्याओं का हल चुटकियों में ढूंढा जा सकता है।

प्रकरण 2-
कभी मिनी चंडीगढ़ के नाम से विख्यात रहे रुद्रपुर की साफ और चौड़ी सड़कों की चहुंओर चर्चा हुआ करती थी।उत्तराखंड राज्य गठन और सिडकुल की स्थापना के बाद जनपद मुख्यालय पर आबादी का बोझ बढ़ा और रुद्रपुर शहर का तेजी से विस्तार होने लगा।शासन द्वारा तत्कालीन नगर पालिका के बजाय रुद्रपुर को महानगर पालिका का दर्जा दे दिया गया।रुद्रपुर को महानगर पालिका की सौगात मिलने के बाद शहरवासियों को उम्मीद थी कि शहर की चमचमाहट में अब चार चांद लग जायेंगे लेकिन हुआ इसका उल्टा ही।संसाधन बढ़ने के बावजूद आबादी का बेतहाशा बोझ बढ़ने से शहर की व्यवस्था चरमराने लगीं।कभी मिनी चंडीगढ़ का रुतबा रखने वाले रुद्रपुर की चर्चा अब कूड़े के पहाड़ के कारण होने लगी थी।किच्छा मार्ग पर कल्याणी नदी का पुल पार करते ही हाईवे किनारे स्थित कूड़े का ढेर कब लाखों टन कूड़े के पहाड़ में तब्दील हो गया पता ही नहीं चला।कूड़े का पहाड़ ना हुआ मानो रुद्रपुर के माथे पर एक धब्बा हो।प्रशासन के साथ ही स्थानीय राजनीति के सूरमाओं को भी कूड़े के पहाड़ को हटाने का कोई हल सुझाई नहीं दे रहा था।चुनाव में भी कूड़े का पहाड़ एक राजनीतिक मुद्दा बनकर उभरने लगा था।जिले की कमान संभालने के बाद जिलाधिकारी उदयराज सिंह के सामने जब जिला मुख्यालय की प्रमुख समस्यायें गिनाई गईं तो उक्त कूड़े का पहाड़ भी टॉप लिस्ट में था।फिर क्या था डीएम उदयराज के रूप में शहरवासियों के लिये मानो उम्मीदों के एक नये सूरज का उदय हो गया हो।नगर आयुक्त नरेश दुर्गापाल के साथ मिलकर जिलाधिकारी उदयराज सिंह ने जिला मुख्यालय के लिये नासूर बन चुके कूड़े के पहाड़ को उखाड़ फेंकने के लिये भगीरथ प्रयास शुरु कर दिये।डीएम की लगन और लक्ष्य के प्रति समर्पण भाव का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिस लाखों टन कूड़े के पहाड़ के पास से राहगीर सांस रोककर जैसे-तैसे गुजरा करते थे वहां जिलाधिकारी उदयराज स्वयं खड़े होकर कूड़ा निस्तारण में लगे कर्मचारियों की हौसला अफजाई करके जरूरी दिशा निर्देश देते हुए अक्सर दिखाई देने लगे।डीएम के मिशन का ही परिणाम है कि आज कूड़े के पहाड़ का नामोनिशान तक मिट गया है और अब खाली जमीन पर जनसुविधा के लिये नगर निगम मैरिज लॉन बनाने की योजना पर काम कर रहा है।

प्रकरण 3-
जिला मुख्यालय पर सिडकुल की स्थापना के साथ ही औद्योगिक विकास ने भी कुलांचें भरनी शुरु कर दी थीं।देश के बड़े-बड़े औद्योगिक घरानों ने रुद्रपुर से सटे सिडकुल में अपने प्लांट लगाने शुरु कर दिये।उद्योगपतियों के लिये दिल्ली,गुजरात,महाराष्ट्र और देश के महानगरों से रुद्रपुर की कनेक्टिविटी बड़ी अड़चन साबित होने लगी।राज्य सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र ने पंतनगर हवाई अड्डे के विस्तार को हरी झंडी तो दे दी लेकिन एयरपोर्ट विस्तार की रफ्तार अपेक्षा के विपरीत काफी सुस्त साबित हुई।किच्छा से दो बार विधायक रहे राजेश शुक्ला ने हालांकि पंतनगर एयरपोर्ट विस्तार में तेजी के लिये काफी जोर भी लगाया लेकिन लालफीताशाही के चलते हवाई अड्डे के विस्तार का काम कछुए की गति से ही सरकता रहा।जिलाधिकारी उदयराज सिंह ने इस मुद्दे को भी काफी गंभीरता से लिया।विगत 9 अक्टूबर को कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण से सम्बन्धित बैठक लेते हुए जिलाधिकारी उदयराज सिंह ने बताया कि पंतनगर एयरपोर्ट अथॉरिटी को भूमि का आवंटन कर दिया गया है,इसलिये अथॉरिटी के अधिकारी एयरपोर्ट विस्तारीकरण का सर्वे,नक्शा आदि बनाना सुनिश्चित करें ताकि कार्य शीघ्रता के साथ पूरा हो सके।उन्होने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग का जो क्षेत्र एयरपोर्ट विस्तारीकरण की जद में आ रहा है उसके एवज में नये स्थान में राष्ट्रीय राजमार्ग शिफ्ट करने हेतु एनएचएआई को 103 एकड़ भूमि आवंटित कर दी गयी है जिसके कोडिनेट भी उपलब्ध करा दिये गये हैं। उन्होंने एनएचएआई को भी नये ले-आउट के मुताबिक सड़क बनाने हेतु अपना सर्वे प्रारम्भ करने के लिये कहा। हवाई अड्डे के विस्तारीकरण को तेजी से अमल में लाने के लिये डीएम ने एनएचएआई व एयरपोर्ट अथॉरिटी को परस्पर समन्वय बनाते हुए कार्य करने की बात कही।जिलाधिकारी उदयराज ने उक्त बैठक में उप जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि वे एयरपोर्ट अथॉरिटी को कब्जा दिलाने हेतु कार्य करना सुनिश्चित करें जिस पर उप जिलाधिकारी ने बताया कि एयरपोर्ट अथॉरिटी को पंतनगर विश्वविद्यालय व टीडीसी की 524.78 एकड़ भूमि आवंटित की गई है।बताया कि आवंटित भूमि की जद में टीडीसी के कई भवन आ रहे है जिनके ध्वस्तीकरण हेतु टेण्डर भी जारी किया जा चुका है। जिलाधिकारी द्वारा अपनी प्राथमिकता सूची में शामिल करने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि पंतनगर हवाई अड्डे के विस्तारीकरण की अड़चनें दूर होने के बाद शीघ्र ही पंतनगर में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का क्षेत्रवासियों का सपना भी धरातल पर उतर सकता है।

बहरहाल,धाकड़ धामी के नेतृत्व में जिस प्रकार से उत्तराखंड की राज्य सरकार द्वारा राज्यवासियों के हित में नित नये और साहसी फैसले लिये जा रहे हैं ठीक वैसा ही खुशगवार माहौल जनपद ऊधम सिंह नगर में भी देखने को मिल रहा है।आम से लेकर खास तबके में जिलाधिकारी उदयराज सिंह द्वारा तेजतर्रार,निष्पक्ष और तुरत फुरत फैसले लेने की शैली खासी छाप छोड़ रही है।सांसद अजय भट्ट ने ” न्यूज खरी-खरी ” से खास बातचीत में बताया कि जिलाधिकारी उदयराज सिंह ने मात्र तीन से चार दिनों के भीतर लगभग 19.5 एकड़ जमीन को उत्तराखंड के राजस्व अभिलेखों में दर्ज करवाकर ऐतिहासिक काम किया है।रुद्रपुर से भाजपा विधायक शिव अरोरा ने डीएम उदयराज सिंह को योग्य और अनुभवी अधिकारी बताते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों के साथ सामंजस्य बिठाकर आमजन की समस्याओं को दूर करने के लिये संवेदनशीलता के साथ जिलाधिकारी उदयराज सिंह ने कई बड़े फैसले लिये हैं जो कि जिले के विकास में मील का पत्थर साबित होंगे।भाजपा के प्रदेश मंत्री विकास शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऊधम सिंह नगर जनपद की महत्ता को समझते हुए ही जिलाधिकारी उदयराज सिंह को जिले की कमान सौंपी है।शर्मा के मुताबिक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा रुद्रपुर को आदर्श शहर बनाने का जो सपना देखा गया है उसे अमलीजामा पहनाने के लिये डीएम उदयराज सिंह द्वारा तेजी से फैसले लिये जा रहे हैं।प्रदेश मंत्री विकास शर्मा ने जिलाधिकारी उदयराज सिंह के कार्यकाल की काफी प्रशंसा की है।

Lalit Kumar Sharma


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