जानिये कैसे…शांतिपूर्ण ध्वस्तीकरण से शासन-प्रशासन की आंखों का तारा बने मणिकांत, कप्तान मिश्रा की व्यूह रचना से हर कोई भौंचक्का,


रुद्रपुर।देश भर में अपने बोल्ड और दूरगामी फैसलों के चलते आये दिन सुर्खियां बटोर रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पद चिन्हों पर अब प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी भी चलने लगी है।ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला रुद्रपुर में सामने आया है।दरअसल रुद्रपुर के व्यस्ततम इंद्रा चौक पर कई दशक से मासूम शाह मियां के नाम से एक मजार थी। राज्य स्थापना के साथ रुद्रपुर में सिडकुल बनने से तेजी से औद्योगिक गतिविधियां बढ़ी।यातायात का दबाव भी बेतहाशा बढ़ा जिसके चलते रुद्रपुर के लगभग हर चौराहे पर जाम लगना मानो रोजमर्रा की नियति बन गई थी।प्रदेश में जी-20 के आयोजन के दौरान रुद्रपुर समेत प्रदेश के कई शहरों में दशकों पुराने अतिक्रमण को ध्वस्त किया गया।अतिक्रमण हटने के बाद काफी हद तक रुद्रपुर से नैनीताल और रामपुर की ओर जाने वाले हाइवे पर यातायात को सुचारु करने में सहायता मिली लेकिन इंद्रा चौक पर बने एक निर्माण को नहीं हटाया जा सका था।बताया जाता है कि एनएचएआई द्वारा उक्त इमारत के प्रबंधकों को निर्माण हटाने के बाबत पूर्व में नोटिस भी दिया गया था।नोटिस की अवधि पूरी होने के बाद मंगलवार की तड़के पुलिस प्रशासन ने अचानक इंद्रा चौक पर आवाजाही रोककर उक्त ईमारत को हटाने की कार्रवाई को अमलीजामा पहना दिया।

डीएम की उम्मीदों पर खरा उतरे कप्तान..
इंद्रा चौक पर अतिक्रमण को हटाना काफी संवेदनशील मामला था।वर्ष 2011 में 2 अक्टूबर की हिंसा में झुलस चुके रुद्रपुर में साम्प्रदायिक सौहार्द को बनाये रखना पुलिस-प्रशासन के लिये लगातार बड़ी चुनौती रही है।सूत्रों के मुताबिक इंद्रा चौक पर अतिक्रमण ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के बाद के हालातों से निबटने के लिये जिलाधिकारी नितिन भदौरिया ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा के साथ कई दौर की मैराथन बैठक की।जिले की कमान संभालने के बाद से ही कप्तान मिश्रा अपने साहसिक फैसलों के चलते शासन के साथ ही आम जनमानस में भी अपनी अलग पहचान बना चुके हैं।कप्तान ने जिलाधिकारी भदौरिया की उम्मीदों पर अक्षरशः खरा उतरते हुए इंद्रा चौक पर अतिक्रमण हटाने के लिये ऐसी व्यूह रचना की जिससे हर कोई दंग है।मंगलवार की तड़के इंद्रा चौक पर काशीपुर,रामपुर,किच्छा और नैनीताल की ओर जाने वाले रास्ते को अचानक ब्लॉक कर दिया गया।कई थाना क्षेत्रों से बुलाये गये पुलिस के सैकड़ों जवानों को इंद्रा चौक के चारों ओर एक दीवार की तरह खड़ा कर दिया गया।कार्रवाई की गोपनीयता का स्तर इतना कि जवानों को केवल किसी वीवीआईपी मूवमेंट के बारे में ही बताया गया।सुबह लगभग साढ़े चार बजे अचानक अंधेरे में जेसीबी की गड़गड़ाहट गूंजने लगी।अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को कुछ ही मिनटों में अंजाम देने के साथ ही सुरक्षा के मद्देनजर मौके पर पुलिस को तैनात कर दिया गया।ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के बाद एनएचआई ने बुलडोजरों से समतलीकरण करने के बाद आनन-फानन में खाली कराई गई जमीन पर डामरीकरण भी करा दिया है।कप्तान मिश्रा के नेतृत्व में चाक-चौबंद सुरक्षा बंदोबस्त के बीच इंद्रा चौक पर अतिक्रमण हटाये जाने की चहुं ओर प्रशंसा हो रही है।जिलाधिकारी भदौरिया भी कप्तान की तेजतर्रार कार्यशैली से खासे प्रभावित बताये जा रहे हैं।सूत्रों के मुताबिक जिले में हाइवे किनारे कई और अवैध निर्माणों पर भी जिला प्रशासन कार्रवाई का मन बना चुका है।


